अवैध रूप से रखे गए लंगूरों को एस ओ एस की टीम ने किया जब्त, वापस जंगल में छोड़ा
उत्तर प्रदेश वन विभाग में आगरा में सदर क्षेत्र स्थिति कंपनी गार्डन से 9 भारतीय ग्रे लंगूरों को सफलतापूर्वक बचाया है। इनमें छह मादा एवं दो नर और एक बच्चा लंगूर शामिल है। इन सभी को रस्सी से बंद कर रखा गया था। वही टीम ने सावधानीपूर्वक रस्सियों को हठाया और संबंधित अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद लंगूरों को उनके प्राकृतिक आवास जंगल में छोड़ दिया।
वाइल्डलाइफ एसओएस का कहना है कि हम मानव वन्यजीव संघर्ष और जंगली जानवरों की अवैध खरीद को कम करने के लिए दो दशक से वन विभाग के साथ काम कर रहे हैं। हमारे पास वन्यजीवों के लिए अस्पताल हैं, और जानवरों की जांच करने के लिए सुविधाएं भी हैं। वहीं पशु चिकित्सकों की टीम भी है लंगूरों को जंगल में छोड़ने से पहले चिकित्सीय टीम के द्वारा उनका चिकित्सीय परीक्षण किया गया।
शिकारी जंगल से लंगूरों को पकड़ लेते हैं। ताकि उन्हें विभिन्न शहरों में बढ़ते बंदरों के खतरों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके, हालांकि यह पूर्ण रूप से गलत है। और इस मिथक का फायदा उठाते हुए यह लोग इस प्रथा को और भी आगे बढ़ावा देना चाहते हैं।
भारतीय ग्रे लंगूर काले चेहरे और कानों वाला एक बड़ा प्राइवेट है। और पेड़ों पर संतुलिन बनाए रखने के लिए उनकी एक लंबी पूंछ होती है। रेगिस्तान में वर्षा वनों और पर्वतीय आवासों में निवास करते हैं। वे मानव बस्तियों के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित हो सकते हैं। और गांव कस्बा और आवास या कृषि वाले क्षेत्रों में भी देखे जा सकते हैं।