ट्रेन दुर्घटना में घायल 9 महीने की हथिनी(बानी) का वाइल्डलाइफ एसओएस के द्वारा विशेष उपचार और आयुर्वेदिक उपचार किया जा रहा है।
एक ट्रेन हादसे में 9 महीने की हथिनी (बानी) चोटिल और अपंग हो गई थी, इस हादसे में उसने अपनी मां को भी खो दिया था, अब हथिनी को मथुरा स्थित वाइल्डलाइफ एसओएस में इलाज के लिए लाया गया है, *बानी* के आगमन के बाद वाइल्डलाइफ एसओएस एलीफेंट अस्पताल ने सर्वोच्चतम देखभाल सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद ली है, जिसमें आर्थोपेडिक विशेषज्ञ, न्यूरोसर्जन, आयुर्वेद और एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ शामिल है चिकित्सा उपचारों में लेजर थेरेपी, हाइड्रो थेरेपी एक्यूप्रेशर आदि शामिल है, लकवा ग्रस्त हथिनी *बानी* के लिए चिकित्सा विकल्पों के विस्तार के हिस्से रूप में वाइल्डलाइफ एसओएस के प्रसिद्ध पशु चिकित्सा एक्यूपंक्चर विशेषज्ञ थाईलैंड के चियांग माई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर पोरकोटे रंगश्री को आमंत्रित किया गया है ,जो USA के फ्लोरिडा विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी हैं,
डॉ रंगश्री ने वाइल्डलाइफ एसओएस टीम के साथ एक्यूपंक्चर तकनीकी पर एक प्रस्तुति के साथ शुरुआत की है, जिसके बाद एक प्रैक्टिकल डेमो भी दर्शाया है, डॉक्टर रंगश्री के मार्गदर्शन में वाइल्ड लाइफ SOS की इन–हाउस चिकित्सा टीम ने *बानी* का पहला इलेक्ट्रो एक्युपंचर किया है, वाइल्ड लाइफ SOS सेवाओं के उपनिदेशक डॉक्टर इलियाराजा ने बताया है कि हम *बानी* की इस विशिष्ट स्थिति के अनुरूप एक व्यापक पशु चिकित्सा देखभाल कार्यक्रम के अनुरूप में इलेक्ट्रो एक्युपंचर थेरेपी का उपयोग कर रहे हैं, इलेक्ट्रो एक्युपंचर थेरेपी परंपरा और विज्ञान का सामंजस्य बनाते हुए नियंत्रित विद्युत उत्तेजना का उपयोग कर शरीर के ऊर्जावान मार्गों में संतुलित एवं पुनर्संचार का काम करती है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा,“विस्तृत शोध के बाद, हमारी पशु चिकित्सा टीम ने बानी के नियमित उपचार में इलेक्ट्रो-एक्यूपंक्चर को शामिल करने का निर्णय लिया। हम हमारी टीम के दौरे और प्रशिक्षण के लिए डॉ. रुंगश्री और चांग माई विश्वविद्यालय को धन्यवाद देते हैं। हम बानी के लिए विशेष आयुर्वेद उपचार करने के लिए केरल से आयुर्वेद विशेषज्ञ को भी लाये”चिंग माई विश्वविद्यालय में पशु चिकित्सा के प्रोफेसर डॉ. पोरकोटे रुंगश्री ने कहा,“बानी के इलाज के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस द्वारा आमंत्रित किए जाने पर मुझे बेहद खुशी है। मुझे उम्मीद है कि मेरे द्वारा साझा की गई एक्यूपंक्चर तकनीकें मददगार होंगी। ‘बानी’ में दृढ़ इच्छाशक्ति है और एक्यूपंक्चर के दौरान सहयोग करती रही । यह भारत और थाई पशु चिकित्सा संस्थानों के बीच पशु चिकित्सा ज्ञान के आदान-प्रदान का एक बड़ा अवसर है।