आगरा में फिर आया तीन तलाक का मामला, डीसीपी से पीड़ित महिला ने लगाई गुहार

आगरा में तीन तलाक का मामला सामने आया है, जिसमें एक पति ने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया। सरकार ने तीन तलाक पर एक नया विधेयक 27 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक पर बहस हुई और विपक्ष के बहिष्कार के बाद लोकसभा ने इसे पारित कर दिया। इस विधेयक को मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2018 नाम दिया गया है। इस विधेयक में मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से संरक्षण देने के साथ ऐसे मामलों में दंड का भी प्रावधान किया गया है।

दरअसल पीड़ित महिला ने बताया है कि उसके पति व ससुराली जनों का कहना है कि वह सिर्फ बेटियां को ही जन्म देती है। और हम लड़कियों की शादी कहां से करेंगे। वहीं पीड़ित महिला ने बताया है।दरअसल महिला की शादी दानिश नाम के व्यक्ति से 2018 में हुई थी। इसके लिए उनके द्वारा 25 लाख रुपए की मांग की गई है। ऐसे में महिला ने बताया है कि उसके पिता इतने पैसे कहां से लाएंगे, इसी को लेकर पीड़ित महिला सशक्त पीली सेवा के साथ जिला मुख्यालय पहुंची और डीसीपी सिटी कार्यालय में न्याय की गुहार लगाई है। इस दौरान पीड़ित महिला व बच्चों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे कि हमारे पापा ने बेटी होने की वजह से हमें घर से निकाल दिया है। क्या बेटी होना पाप है, और तीन तलाक वालों को कब मिलेगा इंसाफ।

शबाना खंडेलवाल ने बताया है कि महिला को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया गया है, कारण सिर्फ इतना था कि इसके बेटी हुई, इसके साथ अत्याचार बढ़ने लगे, दूसरी बेटी के जन्म के बाद से तो घर वालों ने इसकी शक्ल भी नहीं देखी है, और यह कहकर निकाल दिया है, कि तू सिर्फ बेटियां ही पैदा कर सकती है। वहीं तीसरी बार महिला जब प्रेग्नेंट थी तो उसका अबॉर्शन भी करवाया गया, इस बात के लिए डॉक्टर ने भी गवाही दी है, वहीं पड़ोसियों ने इस बात की गवाही दी है, कि इसके साथ मारपीट होती थी, टॉर्चर किया जाता था,

पूरे मामले को लेकर शाहगंज थाने में शिकायत भी की गई थी, वहीं अब पीड़ित महिला ने शबाना खंडेलवाल, सशक्त पीली सेवा के साथ जिला मुख्यालय पर डीसीपी कार्यालय में गुहार लगाई है । वहीं शबाना खंडेलवाल का कहना है कि अगर कार्यवाही नहीं हुई, तो बच्चों के साथ जिला मुख्यालय पर ही आमरण अनशन पर बैठेंगी।

डीसीपी सिटी सूरज राय ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है।