मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में पर्यावरण बंदरों की समस्या इको टूरिज्म एवं वृक्षारोपण इत्यादि के संबंध में समीक्षा बैठक की गई। बैठक में नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बंदरों की समस्या को लेकर अवगत कराया के उनके समाधान हेतु वर्तमान में अनुबंध संस्था द्वारा दयालबाग में रेस्क्यू सेंटर संचालित किया जा रहा है, अब तक लगभग 11000 बंदरों को पकड़कर वैक्सीनेशन/नसबंदी करने के पश्चात पुनर्वास किया चुका है, वही आवारा स्वानों के लिए चार केंद्र संचालित हैं, जिनमें अभी तक 45000 से अधिक स्वानों की वैक्सीनेशन/नसबंदी की जा चुकी है, वर्तमान में संचालित उपरोक्त केंद्रों की समीक्षा करते हुए, मंडलायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि अगर नगर निगम द्वारा आवारा स्वानों एवं बंदरों के लिए रेस्क्यू पुनर्वास केंद्र खोलने हेतु एक प्रोजेक्ट तैयार किया जाए, इस केंद्र पर ट्रीटमेंट होने के बाद स्वानों की ही तरह बंदरों को चिन्हित किया जाए, ताकि यह जानकारी रहे की कितने बंदरों का प्रोपर ट्रीटमेंट हो चुका है।
वन विभाग के द्वारा यमुना न्यू गार्डन और ताजमहल के आसपास से बड़े नालों से यमुना नदी में सीधे गिर रहे है, गंदे पानी, कचरा और सिल्ट की समस्या रखी गई, जिसे लेकर अवगत कराया गया कि यमुना नदी में सीधे गिरने वाले नालों की टाइपिंग करने के साथ ही वॉटर ट्रीटमेंट एवं बायो रिमेडियेशन का कार्य चल रहा है, लगभग 20 नालों को टैपिंग कर दिया गया है 23 नालों को टैपिंग किए जाने का कार्य प्रगति पर है, जबकि 38 और नए नालों की डीपीआर बनाकर स्वीकृति हेतु शासन में दिया चुका है। समीक्षा बैठक के दौरान मंडलायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि यमुना नदी में गिरने वाले सभी नालों में सॉलिड वेस्ट को रोकने हेतु जाली लगाई जाए, ताजमहल के पास जालमा इंस्टिट्यूट के पीछे से जा रहे बड़े नालों को टैप करने के साथ बैरिकेटिंग लगाकर कवर किया जाए।
वन विभाग के द्वारा इको टूरिज्म विकसित करने से संबंधित प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण किया गया, ताजगंज स्थित आगा खां हवेली से लेकर हाथी खाना होते हुए यमुना किनारे क्षेत्र तक और बटेश्वर में होलीपुरा गांव को एक टूरिज्म के रूप में विकसित करने के प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए इनका एस्टीमेट तैयार कर प्रोजेक्ट शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं, वृक्षारोपण अभियान के अंतर्गत बैठक में मौजूद नगर निगम, उद्यान विभाग, वन विभाग एवं एएसआई को निर्देश दिए हैं कि सभी विभाग अपने-अपने क्षेत्र को ग्रीनरी से पूरी तरह विकसित करने का लक्ष्य लें, हाईवे, शहर की मुख्य सड़क, पार्क, एप्रोच रोड के किनारे, सेंट्रल वर्ज, डिवाइडर, ताजमहल सहित अन्य स्मारकों के आसपास तथा एक बड़े भूभाग में व्यवस्थित रूप से हरियाली विकसित करने हेतु अधिक से अधिक वृक्षारोपण किया जाए।