दुनिया वर्ल्ड एंडेंजर्ड स्पीशीज डे यानी (विश्व संकटग्रस्त प्रजाति दिवस) मना रही है वाइल्ड लाइफ एसओएस भारत के विविध और लुप्तप्राय वन्य जीवों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता के लिए समर्पित है, मानव आबादी की बहुतायत के बावजूद भारत दुनिया के कुछ दुर्लभ लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है जिनमें एशियाई हाथी, बाघ, मगरमच्छ, स्लाॅथ भालू, पैंगोलिन, स्टार कछुए, हूलोक गिब्बन, एक सींग गैंडे और कई अन्य प्रजातियां इसमें शामिल है, यह शानदार जानवर मैंग्रोव वनों जैसे अपने प्राकृतिक आवास में अत्यधिक सुरक्षा के साथ भारत में पनपते हैं। हर साल मैं के तीसरे शुक्रवार को दुनिया में लुप्त पर प्रजाति दिवस मनाने में हजारों लोग भाग लेते हैं।
खतरे में पड़ी और लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के लिए यह दिन एक बेमिसाल स्मारक के रूप में जाना जाता है, जहां लोग इन प्रजातियों के बारे में सीखते हैं, और ज्ञान इकट्ठा करते हैं वाइल्डलाइफ एसओएस जंगलों के विनाश और तेजी से शहरीकरण के कारण लुप्तप्राय के रूप में कई जानवरों को बचाने का कार्य करता है, गिद्धों और हुंगल हिरण से लेकर हिमालयन ब्राउन भालू तक वाइल्डलाइफ एसओएस उनकी सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, हाथी, भालू, बाघ और तेंदुए जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण के उद्देश्य से सक्रिय परियोजनाओं के साथ वाइल्डलाइफ एसओएस दिल्ली, आगरा, वडोदरा और जम्मू कश्मीर क्षेत्र में बचाव हॉटलाइन संचालित करता है।
संस्था पैंगोलिन और मगरमच्छ जैसे विभिन्न लुफ्तप्राय जंगली जानवरों को बचाती है, और उनका पुनर्वास करती है, अपनी अवैध शिकार विरोधी इकाई ‘फॉरेस्ट वॉच’ के माध्यम से वाइल्ड लाइफ एसओएस ने कई लुप्तप्राय प्रजातियां के जानवरों को बचाया है, और उन्हें अवैध शिकार से बचाने के लिए वन्य जीव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ भी किया है।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह संस्थापक और सचिव गीता सेठमणि ने बताया है कि विश्व लुफ्तप्राय प्रजाति दिवस के अवसर पर वाइल्डलाइफ एसओएस प्रकृति प्रेमियों और संरक्षण के प्रति उत्साही लोगों को आगरा, मथुरा और बेंगलुरु में हमारे रेस्क्यू सेंटर पर अपने स्वयंसेवी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित करता है, स्वयं सेवा करके व्यक्ति इन लुप्तप्राय प्रजातियां वाले जानवरों और उनके आवासों के संरक्षण प्रयासों में सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं।
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने कर्तव्य को समझ कर लुप्तप्राय प्रजातियों को बचाने में योगदान दे सकते हैं, भले ही वह मानव निवास के करीब हो इन प्रजातियों की सुरक्षा के लिए वनों और उनके प्राकृतिक आवासों को संरक्षित करना महत्वपूर्ण है, लोग वाइल्डलाइफ एसओएस जैसी संरक्षण संस्थाओं का समर्थन कर सकते हैं, और संरक्षण पहल में भाग ले सकते हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम अपने जीवन काल में लुप्तप्राय प्रजातियों के नुकसान को ना देखें।