आगरा जगदीशपुरा जमीन मामले पीड़ित ही निकले षड्यंत्रकारी पुलिस ने 6 लोगो को किया गिरफतार

आगरा के हाईप्रोफाइल जगदीशपुरा जमीन कांड मामले में जिस उमा देवी की तहरीर पर बिल्डर कमल चौधरी, एसओ सहित 18 लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, वादी उमादेवी सहित छह को फर्जीवाड़े में पुलिस ने अरेस्ट कर लिया ,पीड़ित ही षड्यंत्रकारी निकले,

आगरा में फरवरी 2024 में जगदीशपुरा के बैनारा फैक्ट्री के पास 4 बीघा जमीन ​कब्जाने के लिए साजिश रची गई थी, फैक्ट्री में केयर टेकर के रूप में रह रहे रवि कुशवाह और उसके परिजनों को दो फर्जी मुकदमे में जेल भेज कर जमीन पर कब्जा कर लिया गया था इस मामले में फैक्ट्री की मालिकन बताते हुए उमा देवी ने जगदीशपुरा के तत्कालीन एसओ जितेंद्र कुमार, बिल्डर कमल चौधरी उनके बेटे धीरू चौधरी सहित 18 को नामजद किया गया ,इसमें पुलिस ने एओ जितेंद्र कुमार सहित तीन को अरेस्ट कर जेल भेज दिया, जबकि बिल्डर कमल चौधरी और उसके बेटे को कोर्ट से राहत मिल गई,

मामले में पुलिस ने जांच की जांच में सामने आया था कि 10 हजार वर्गगज जमीन टहल सिंह की थी, उमा देवी ने सदर तहसील में टहल सिंह का म्रत्यु प्रमाण पत्र लगाते हुए दावा किया था कि वे उनके ससुर हैं, उनके पति जसवीर की भी मौत हो चुकी है। जबकि टहल सिंह जिंदा हैं, वे लुधियाना पंजाब में रह रहे थे, टहल सिंह ने आगरा आकर अपने बयान दर्ज कराए। इसके बाद पूरा मामला ही बदल गया।

टहल सिंह ने अपने बयान में कहा कि वह जिंदा हैं और बोदला मार्ग पर बैनारा फैक्ट्री के पास उनकी ​जमीन है, उन्होंने यह भी कहा कि वे उमा देवी को जानते ही नही है और जसवीर सिंह भी उनके पुत्र नहीं हैं। इस मामले में टहल सिंह का फर्जी म्रत्यु प्रमाण पत्र लगाकर खुद को वारिस बताने पर पुलिस ने मंगलवार को उमा देवी को अरेस्ट कर लिया, उमा देवी को पुलिस ने जेल भेज दिया है,
पुलिस ने इस पूरे मामले में उमा देवी, मोहित कुशवाहा, शंकरिया कुशवाहा, रवि कुशवाहा, धर्मेंद्र और राजू को जेल भेज दिया।