बेटी पैदा होना महिला के लिए बना अभिशाप, अधिकारियों से लगाई गुहार

मां का गुरूर और पिता का सम्मान होती हैं बेटियां। माता लक्ष्मी का वरदान होती हैं बेटियां। नन्हें कदमों से उनके घर की आभा बढ़ जाती है। जिस घर में न हों बेटियां वहां वीरानगी छा जाती है। ये बेटियां ही तो हैं, जो जीवन का आधार हैं। यही वजह है कि बिना बेटियों के इंसान के अस्तित्व की कल्पना मुमकिन नहीं है। मां, बहन और पत्नी के रूप में यह अपनी सभी खुशियों का बलिदान देने से भी नहीं चूकतीं।

लेकिन बेटी पैदा होना एक महिला के लिए अभिशाप हो गया, और कलयुगी पति ने महिला को 6 महीने की मासूम बच्ची समेत घर से निकाल दिया है। पीड़ित महिला ने बताया है कि जब से उसकी बच्ची पैदा हुई है, तभी से उसका पति व ससुरालजन उसके साथ मारपीट करते हैं, उल्टी सीधी बातें कहते हैं, और दहेज के लिए प्रताड़ित भी करते हैं, पीड़ित महिला ने यह भी बताया कि वह पहले थाना इरादत नगर गई थी, इस मामले की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई, कोई सुनवाई नहीं हुई, इसी को लेकर वह आज जिला मुख्यालय पुलिस के उच्चाधिकारियों से इंसाफ की मांग करने आई है।

पीड़ित महिला अपनी 6 महीने की मासूम बच्ची को गोद में लेकर इंसाफ के लिए भटक रही है, इसी को लेकर पुलिस उच्चाधिकारियों के पास गुहार लगाने महिला पहुंची है, दरअसल पूरा मामला थाना इरादत नगर के तोर गांव का बताया गया है,

सशक्त पीली सेना की अध्यक्ष शबाना खंडेलवाल ने पीड़ित महिला को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया है। शबाना खंडेलवाल ने बताया है कि कुछ दिन पूर्व में ऐसा ही एक मामला आया था, जिसमें एक मुस्लिम महिला को उसके पति के द्वारा तीन तलाक देकर निकाल दिया गया था, क्योंकि उस महिला के दो बेटी पैदा हो गई थी।