भारतीय रेलवे के द्वारा रेल हादसों को रोकने के लिए नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसमें कवच सिस्टम का रेलवे में ट्रायल किया गया है, जानकारी के अनुसार वंदे भारत ट्रेन के इंजन में अभी कवच सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है, बताया गया है कि कवच सिस्टम से रेल हादसों में कमी आयेगी, अगर कोई सिग्नल फेलियर होता है या कोई अन्य बाधा आती है, तो उसमें कवच सिस्टम बिना लोको पायलट की ब्रेक लगा देगा, और ट्रेन को रोक देगा, कवच सिस्टम ट्रेनों को सुरक्षा कवच के रूप में काम करेगा।
जनसंपर्क अधिकारी प्रशांत श्रीवास्तव ने बताया है कि ट्रेन की सुरक्षा से संबंधित नई कवच प्रणाली है जो भारतीय रेल में लाई जा रही है, इसका प्रथम ट्रायल मथुरा से पलवल के बीच किया गया है, जिसमें सीआरबी महोदया के द्वारा इसे अटेंड किया गया था, मथुरा से पलवल के बीच में लगभग 84 किलोमीटर का फांसला है जिसे 20 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है, और यह प्रशिक्षण सफल रहा था, निकट भविष्य में भी इसे अपग्रेड किया जाएगा, जो भी सुविधाएं हैं लोको में लगानी है, उन्हें लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी कवच सिस्टम का ट्रायल वंदे भारत इंजन में लगाया गया है, आने वाले भविष्य में इसे और भी ट्रेनों में लगाया जाएगा। उनका कहना है कि कवच का जो प्राइमरी उपयोग है, वह ट्रेन की सेफ्टी के लिए है, अगर कोई सिग्नल फेलियर होता है, या कोई चीज ट्रेन के सामने आ जाती है, कवच ऑटोमेटेकली बिना लोको पायलट के ब्रेक लगा देगा, जिससे ट्रेन सुरक्षित रहेगी और रेल हादसों में भी भारी कमी आएगी।
जन संपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया है कि राजा की मंडी और आगरा कैंट रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास प्रस्तावित किया गया है, इन दोनों स्टेशनों को मेट्रो से भी जोड़ना प्रस्तावित है। इसमें आगरा मेट्रो और आगरा डिवीजन दोनों ही मिलकर कार्य करेंगे, आने वाले समय में डिजाइन फाइनल होते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।