देश में चुनावी माहौल चल रहा है, और लोकतंत्र के महापर्व में हर कोई बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहता है, देश और प्रदेश में बीजेपी की डबल इंजन की सरकार है, और बीजेपी के द्वारा विकास के दावे किए जाते हैं। लेकिन एक गांव ऐसा भी है, जिसने चुनाव का पूर्णतया बहिष्कार किया है।
दरअसल जैतपुर ब्लॉक के गांव चौरंगा बीहड़ में ग्रामीणों के द्वारा एक बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए, और विकास कार्य नहीं होने के आरोप लगाए, ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया है, ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय बस हमसे वोट मांगे जाते हैं, उसके बाद हमारी तरफ कोई देखता नहीं है।
लोगों का कहना है कि गांव के पास रेलवे लाइन है, और उसके अलावा रास्ता पार करने के लिए कोई अन्य रास्ता नहीं है। फिर भी जान को जोखिम में डालकर हमें रेलवे लाइन को क्रॉस करना पड़ता है, तो जीआरपी हमारे ऊपर केस लिख देती है। स्कूली भी बच्चे भी स्कूल जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
ग्रामीणों का कहना है कि गांव से 2 किलोमीटर दूर रेलवे अंडरपास है, लोगों को वहां होकर गुजरना पड़ता है, लेकिन बारिश के मौसम में वहां भी 10 फीट तक पानी भर जाता है। इससे असुविधा का सामना करना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया है कि कई बार शिकायत के बावजूद भी गांव के नजदीक रेलवे अंडरपास नहीं बनाया गया है। सिर्फ आश्वासन ही दिए जाते है।
इसी को लेकर सर्व समाज के लोग एकत्रित हुए और बैठक में चुनाव बहिष्कार करने का फैसला लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि विकास नहीं तो वोट नहीं।