तीन तलाक की पीड़िता ने सशक्त पीली सेना के साथ मिलकर एसीपी लोहामंडी कार्यालय पर हाथों में चिमटा लेकर दिया धरना।

आगरा में तीन तलाक का एक मामला सामने आया है, जिसमें सदर क्षेत्र के रहने वाले एक युवक के साथ तीन तलाक की पीड़िता की शादी 2018 में हुई थी, पीड़िता के दो बेटी होने की वजह से पति ने उसे घर से तीन तलाक देकर निकाल दिया। वहीं पीड़िता पूर्व में पुलिस उपायुक्त नगर सूरज राय से मिली थी, पुलिस उपायुक्त नगर ने कार्यवाही का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई है, इसी को लेकर पीड़िता के साथ सशक्त पीली सेना एसीपी लोहामंडी कार्यालय पहुंची और कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गई। इस दौरान महिलाओं ने हाथ में चिमटे ले रखे थे और न्याय की मांग कर रही थी।

तीन तलाक की पीड़िता ने बताया है कि उसकी शादी 2018 में दानिश नाम के व्यक्ति से हुई थी, पीड़िता के पिता ने उसकी शादी बड़ी धूमधाम से की थी, पीड़ित महिला के द्वारा पहली बच्ची को जन्म दिया गया तो उसने बताया कि ससुराल वालों के बर्ताव में बदलाव आ गया, लेकिन जब उसने दूसरी बेटी को जन्म दिया तो उसके साथ जानवरों जैसा व्यवहार होने लगा, और जब वह तीसरे बच्चे के लिए गर्भवती थी तो उसका अबॉर्शन करवा दिया गया, इस बात को डॉक्टर ने कबूला है। पीड़ित महिला रो-रोकर न्याय की गुहार लगा रही है, कह रही है कि मुझे न्याय चाहिए हालांकि पुलिस को इस मामले में पीड़ित महिला की मदद करनी चाहिए। और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

सशक्त पीली सेना की शबाना खंडेलवाल ने भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है कि मैं हर हाल में इसे न्याय दिलवा कर रहूंगी, मैंने पुलिस आयुक्त से मुलाकात की है, पुलिस उपायुक्त नगर से भी मुलाकात की है, दोनों ही अधिकारियों के द्वारा दो दिन में कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन फिर भी कार्रवाई नहीं हुई है, अब एसीपी लोहा मंडी मयंक तिवारी ने 7 दोनों का समय मांगा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं के हथियार चिमटा, बेलन आदि होते हैं। इसीलिए हम चिमटा लेकर आए हैं। शबाना खंडेलवाल का कहना था कि अगर महिला के बच्ची पैदा हुई है, तो इसमें अकेली महिला का ही हाथ नहीं है, इसमें पुरुष भी बराबर का भागीदार है, तो उसे भी सजा मिली चाहिए, लेकिन सरकार लगातार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा लगा रही है, फिर ऐसे लोगों पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही।